सदिश और अदिश राशि क्या होता हैं | ये क्वेश्चन आपके दिमाग में आता रहता होगा यदि आप साइंस सब्जेक्ट के स्टूडेंट्स हो | आज की इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में समझाने वाले हैं कि सदिश राशि क्या होती हैं | what is vector quantity |अदिश राशि क्या होती हैं | what is scalar quantity | सदिश और अदिश राशि में क्या अंतर हैं | ऐसे ही इनसे रिलेटेड बहुत सी बाते आप जानने वाले है इस पोस्ट को सुरु से लेकर अंत तक पूरा रीड कीजिएगा |
सदिश और अदिश राशि
क्या होती हैं |
सदिश राशि क्या हैं |
सदिश राशि के उदाहरण क्या
क्या हैं |
सदिश राशि कितने प्रकार की
होती हैं |
दो सदिशो की गुणा
अदिश राशि कोनसी होती हैं |
सदिश तथा अदिश राशि में
अंतर ?
दाब अदिश राशि क्यों हैं |
कार्य अदिश राशि क्यों हैं
|
सदिश राशि क्या हैं |
इस दुनिया में हम जो भी काम करते हैं उसका कुछ
ना कुछ रिजल्ट जरूर निकलता हैं चाहे फिर वो सफलता का हो या फिर असफलता का हो | ऐसे
ही भौतिक विज्ञान में भी हर एक राशि(quantity) का परिमाण होता हैं लेकिन यदि वह
राशि परिमाण के साथ साथ दिशा को भी दर्शाती है तो उस राशि को सदिश राशि कहते हैं|
इस दुनिया में बहुत राशियाँ (quantities) हैं
| कुछ सदिश राशियाँ है तो कुछ अदिश
राशियाँ हैं | लेकिन इन्हें differentiate
करने का तरीका सिर्फ एक हैं |
सदिश राशियों को हम
साधारण गणितीय नियमो से नहीं जोड़ सकते हैं | इन्हें जोड़ने के लिए सामान्य त्रिभुज
, चतुर्भुज नियमो का पालन किया जाता हैं | इन सदिशो को दर्शाने के लिए काले मोटे
अक्षरों का उपयोग किया जाता हैं | काले मोटे अक्षरों को लिखना आसान नही होता हैं
इसलिए जिस अक्षर से इन्हें दर्शाते हैं उनके ऊपर एक तीर का निशान लगा देते हैं |
सदिश राशि के उदाहरण क्या क्या हैं |
जैसे कोई बालक स्कूल
जा रहा है तो उसकी इस गति को हम सदिश कहेंगे क्योंकि उसकी गति में परिमाण (यानि
उसके घर से स्कूल की दुरी ) तथा स्कूल की दिशा दोनों शामिल हैं | इसलिए उसकी इस
गति को हम सदिश राशि कह सकते हैं | यदि उसकी इस गति में दिशा न हो तो वह बालक
स्कूल नहीं पहुच पायेगा क्योंकि स्कूल एक निश्चित जगह पर स्थित होगा | उसके घर से
उत्तर ,दक्षिण में या फिर पूर्व ,पश्चिम
में |
ऐसे ही भौतिक
विज्ञान में बहुत सी राशियों को हम vector quantity में consider करते हैं | जैसे , बल , वेग त्वरण , विस्थापन , संवेग ,रेखीय वेग
, रेखीय संवेग , कोणीय संवेग , चुम्बकीये क्षेत्र , विद्युत् धारा घनत्व , आदि
सदिश राशियों के उदाहरण हैं |
सदिश राशि कितने प्रकार की होती हैं |
सदिश निम्न प्रकार के होते
हैं |
एकांक सदिश –
वे सदिश जिनका परिमाण केवल एक होता हैं एकांक सदिश कहलाते हैं |
विपरीत सदिश –
वे सदिश जो परिमाण में बराबर परन्तु दिशा में विपरीत होते
हैं विपरीत सदिश कहलाते हैं |
शुन्य सदिश –
वे सदिश जिनका परिमाण शुन्य होता हैं | शून्य सदिश कहलाते
हैं |
दो सदिशो की गुणा
दो सदिशो की गुणा निन्मलिखित दो तरीको से की जाती हैं |
अदिश गुणा
जब दो सदिश राशियों की
परस्पर गुणा करके एक अदिश राशि प्राप्त होती हैं तो इस गुणा को अदिश गुणा कहते हैं
| इस गुणनफल को दोनों राशियों के बीच बिंदु लगाकर प्रदर्शित करते हैं | इस गुणनफल
को बिंदु गुणनफल भी कहते हैं |
सदिश गुणनफल –
जब दो सदिश राशियों की
परस्पर गुणा करके एक तीसरी सदिश राशि प्राप्त होती हैं तो इस गुणनफल को सदिश
गुणनफल कहते हैं सदिः गुणनफल को दर्शाने के लिए दोनों राशियों के बीच क्रोस लगाया
जाता हैं |
अदिश राशि क्या हैं |
जो भौतिक रशिया केवल
परिमाण को दर्शाती हैं उनमे दिशा नही होती है तो ऐसी राशियों को हम अदिश राशि कहते
हैं | जैसे घड़ी की सुई की गति को हम अदिश कह सकते हैं क्योंकि घड़ी की सुई के लिए
दिशा का कोई मायना नही होता हैं | और भी
बहुत सी अदिश राशिया होती हैं जैसे – चाल , दूरी , आयतन , समय , ताप , कार्य
,विद्युत् धारा , दाब , ऊर्जा , द्र्यमान आदि |
सदिश तथा अदिश राशि में अंतर ?
|
सदिश राशि |
अदिश राशि |
|
1.
सदिश राशियों में परिमाण
के साथ साथ दिशा भी होती हैं | 2.
इन्हें साधारण गणितीय
नियमो से जोड़ा घटाया नही जा सकता हैं 3.
सदिश राशियों को दर्शाने
के लिए अक्षरों के ऊपर तीर का निशान लगाया जाता हैं 4.
जैसे – बल ,वेग ,विस्थापन
,त्वरण , बल आघूर्ण , चुम्बकीय क्षेत्र आदि |
1.
अदिश राशियों में केवल परिमाण होता हैं दिशा नही होती हैं | 2.
इन्हें साधारण गणितीय नियमो से जोड़ा घटाया जा सकता हैं | 3.
इन्हें दर्शाने के लिए
तीर का इस्तेमाल नही किया जाता हैं | 4.
जैसे – ऊर्जा , शक्ति ,
ताप भार , कार्य, दाब, आयतन ,समय घनत्व आदि | |
दाब अदिश राशि क्यों हैं |
दाब का सूत्र होता
हैं P = F/A सूत्र से ये प्रतीत होता हैं की दाब एक सदिश राशि हैं लेकिन ऐसा
बिल्कुल भी नहीं है इसे हम एक उदाहरण से समझते हैं यदि हम एक बोलत लेते हैं और
बोलत में पानी भर देते हैं अब यदि हम बोलत में विपरीत दिशाओ में छेद करे तो हम
देखेंगे की बोतल से सभी दिशाओ में पानी निकल रहा हैं जोकि बोलत के सरफेस के लम्बवत
हैं | इससे हमें ये ज्ञात होता है की पानी बोलत के हर पार्ट पर दाब लगाता हैं जिस
कारण दाब की multiple डायरेक्शन होती हैं | यही कारण हैं कि दाब एक अदिश राशि हैं
|
कार्य अदिश राशि क्यों हैं?
कार्य का सूत्र होता हैं W
= F*d (d = विस्थापन ) सदिशो के नियमो से हम ये पता चलता हैं कि दो सदिश राशियों
का गुणनफल हमेशा अदिश होता हैं | इसलिए यदि हम कार्य के फोर्मुले को देखे तो हमें
पता चलता हैं की बल की गुना विस्थापन में हो रही है जोकि दोनों सदिश राशिया हैं
इसलिए इन दोनों का गुणनफल हमेशा एक अदिश राशि होनी चाहिए | इसलिए कार्य एक अदिश
राशि हैं |
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