helo दोस्तों कैसे
हो आप सब ?
उम्मीद करते है कि
खैरियत से होंगे |
दोस्तों धर्म से
पहले जो चीज आती है वो इंसानियत होती है | इसलिए इंसानों का एक खास गुण होता है कि
उनसे गलतियाँ होती रहती है | गलतियाँ करना गलत नही है लेकिन यदि उस गलती से कुछ
सिखा न जाए तो उसे गलत कहा जा सकता है |
इंसानों से गुनाह भी
बहुत होते रहते है | इंसान चाहे किसी भी धर्म
से belong करता है उनसे गुनाह होते ही है | लेकिन सभी के अपने रब से
गुनाहों की माफ़ी मांगने के तोर तरीके अलग है कोई हिन्दू मानियताओ के अनुसार अपने
पाप धुलवाने के लिए गंगा में डुबकी लगता है तो कोई किसी और तरीके से माफ़ी की तलब
करता है | लेकिन आज हम बात करने वाले है मुस्लिम तोर तरीको की कि मुस्लिम अपने
गुनाहों की माफ़ी अपने अल्लाह से कैसे मांग सकते है | अपने रब से माफ़ी मांग ने के
लिए इस्लाम धर्म में एक अरबी शब्द astaghfirullah का सबसे ज्यादा use किया जाता
हैं इसलिए इस पोस्ट के जरिये से हम जानने वाले है की astaghfirullah का हिंदी में
क्या मतलब होता है | astaghfirullah का इस्तेमाल क्यों और कब किया जाता है | आखिर
क्यों इस्लाम धर्म में अरबी शब्दों का use किया जाता है इन सभी प्रश्नों के जवाब
आपको इस पोस्ट में मिलने वाले है इसलिए यदि आप जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को
पूरा पढ़े |
astaghfirullah meaning in hindi||meaning of astagfirullah
इंसानों से गलतियाँ
और गुनाह होते रहते हैं लेकिन अक्सर बहुत से लोगो को गुनाह करने के बाद गुमान भी
नही होता है वो गुनाह ऐसे करते हैं जैसे उन्होंने कुछ किया ही नही है इस्लाम में
कुछ गुनाह जैसे शराब पीना गुनाह है ,जिनाह करना गुनाह है , शिर्क करना गुनाह है ,
अपने पडोसी भाई या किसी और का हक़ तबाना गुनाह है | नमाज़ छोड़ना गुनाह हैं , अल्लाह
की नाफ़रमानी करना गुनाह हैं , आदि बहुत से ऐसे गुनाह होते है जिन से हम बेखबर होते
है | लेकिन इन गुनाहों से तौबा वही कर पाते है जिन्हें गुमान होता है कि मुझसे
गुनाह हो गया है | इसलिए वो अल्लाह से माफ़ी मांगने के लिए astaghfar करता है | और
अल्लाह शुब-हाना-वा-ताला अपने बन्दे से इनती मुहब्बत करते है की यदि वो तौबा करता
है तो उसके सभी गुनाहों को माफ़ कर देता है | नबी ए अकरम स. ल. अ. व. ne फ़रमाया यदि
कोई बंदा पांच वक़्त की नमाज़ अह्तामाम के साथ अदा करे तो उसके गुनाह ऐसे झड जाते है
जैसे शर्दियो में सूखे पेड़ के पत्ते झड जाते है | एक और हदीस में नबी ए अकरम स. ल.
अ. व. ne फ़रमाया कि जिसने ये astaghfar दुआए कही उसके सभी गुनाह माफ़ कर दिए
जायेंगे जैसे वो मैदाने जंग से क्यों न भाग गया हो
इसलिए astaghfirullah
का हिंदी में अनुवाद होता है की अल्लाह से अपने गुनाहों की माफ़ी मांगना या तौबा
करना |
astaghfirullah क्यों करे ?
बहुत से लोगो के
दिमाग में ये क्वेश्चन आता है की हम astaghfirullah क्यों पढ़े हमने तो कोई गुनाह नहीं किया है हम तो पाक साफ़
दामन है |
ये बहुत ही गलत बात
है क्योंकि इंसान होने के नाते हम में बहुत ऐब है हम से कई गुनाह जाने अनजाने में
होते रहते है जिनका हमें गुमान भी नहीं होता है | कई सारी अल्लाह के नियामतो की
नाकदरी करते रहते है इसलिए हमेशा हमें अल्लाह के सामने अपने आपको ऐसे पेश करना
चाहिए की हम बहुत गुनाहगार बन्दे है और तौबा करते रहना चाहिए ताकि अल्लाह ताला
हमारे कबीरा – सबीरा गुनाहों को माफ़ कर सके |
एक वाकिया मुझे याद
आ रहा है आप यदि जानना चाहते हो तो पढ़ सकते हो या फिर इसे स्किप करके आगे जा सकते
है
एक अल्लाह का
नाफरमान बंदा एक जगह बैठकर पत्थर को पूज रहा था और कह रहा था या सनम या सनम ( सनम
एक अरबी शब्द है जिसका हिंदी में मतलब पत्थर होता है ) और धोके से उसने या समद या
समद बोल दिया ( समद एक अरबी शब्द है जिसका मतलब अल्लाह होता है ) इतने में ही उसकी
मोट हो गई और जब अल्लाह के पास ले जाया गया अल्लाह ne उसका जन्नत के लिए फैसला कर
दिया फरिस्तो ne अर्ज़ किया की ए बारिताला ये तो आपका नाफरमान बंदा था उसके बाद भी
आपने इसको जन्नत में जाने दिया | तो अल्लाह ne फरमाया इसने एक बार मेरा नाम लिया
था इसलिए मैंने इसको जन्नत में जाने दिया | फरिस्तो ne अर्ज़ किया कि ए बारिताला वो
तो इसने धोके से आपका नाम लिया था | तो अल्लाह ने फ़रमाया की धोके से ही सही इसने
मेरा नाम लिया तो है ना |
दोस्तों इस वाकिये
से पता ये चलता है की अल्लाह पाक अपने बन्दे से कितनी मुहब्बत करते है |
अल्लाह से गुनाह की माफ़ी क्यों मांगे ?
दोस्तों इस दुनिया
में हर किसम के इंसान होते है एक बुरा इन्सान जो हर दिन कुछ न कुछ बुरा काम करता
है और एक अच्छा इन्सान जो हर दिन कुछ न कुछ नेकी करने की सोचता है | ये दोनों
इंसान देखने में आपको एक जैसे लगते है लेकिन इनके आमाल इनको एक दुसरे से अलग करते
है जैसे आखिरत में क़यामत के दिन आदमी अपनी जगह से अपने पैर तब तक नही हटा सकता है
जब तक की अपनी पूरी जिंदगी का हिसाब न दे दे | यदि अल्लाह शुब-हाना-वा-ताला अपने
फजल से माफ़ कर दे तो अलग बात है |
अल्लाह ne दो जगह को
बनाया है एक जहन्नुम और एक जन्नत | जो अल्लाह के हुक्मो को नही मानेगा बुरे काम
करेगा तो ऐसे लोगो के लिए अल्लाह पाक ne जहन्नुम तैयार की है | और जो लोग अल्लाह
के हुक्म को मानते है हर वक़्त नेकी करने की सोचते है | अपनी आखिरत के लिए फ़िक्र
बंद रहते है तो ऐसे लोगो के लिए अल्लाह पाक ने जन्नत तैयार कर रखी है | इंसान के
आमाल ही उसे जन्नत और जहन्नुम में ले जाते
है | इसलिए यदि हमसे कोई गुनाह हो जाये तो हमें चाहिए की अल्लाह से astaghfar करे
| क्योंकि अल्लाह माफ़ करने वाला है |
conclusion
दोस्तों हमने आपको
इस पोस्ट में astaghfirullah meaning
in hindi ? कम्पलीट जानकार दी हैं लेकिन यदि फिर भी आपको इस पोस्ट से रिलेटेड
कोई डाउट हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम आपके प्रश्न का जवाब
जरूर देंगे और यदि ये पोस्ट आपको पसंद आई हो तो इसको शेयर करना मत भूलना | मिलते
है अगली बेहतरीन पोस्ट में तबतक के लिए अलविदा ..
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